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रबर से जुड़ी रोचक तथ्य, fact about eraser

रबर से जुड़ी रोचक तथ्य:-

अगर आप एक विद्यार्थी है तो आपने रबर तो जरूर देखा होगा।लेकिन क्या आपने कभी सोचा था कि इस रबर के पीछे भी बड़ा रहस्य छुपा हुआ है।अगर आप रबर से जुड़े इन तथ्यों को नहीं जानते है तो आज हम आपको  ऐसे ही रोचक तथ्यों से रूबरू करवा देते हैं।

*नीली और लाल रबर:-
 याद होगा कि स्कूल के दिनों में हमारे पास एक ऐसी रबर हुआ करती थीं जिसकी एक साइड नीली और दूसरी तरफ लाल थी।और हममें से अधिक लोग ये ही सोचते थे कि नीली साइड वाली रबर से हम पेन से लिखे हुए शब्दों को मिटा सकते हैं और हमारी इसी सोच ने न जाने हमारी कितनी पेजो में छेद कर दिया।
*रबर का सही उपयोग:-
रबर को हम चाहे कैसे भी उपयोग करे लेकिन वास्तविकता यह है कि नीली साइड दीवार की तरह सख्त पर पेन की लिखाई को मिटाने के लिए किया जाता हैं और लाल रंग वाले रबर का उपयोग कागज जैसी नरम सतहों की लिखावट को  मिटाने के लिए किया जाता हैं।क्या आपको यह बात पहले से पता था।अब अगर आप ये महत्वपूर्ण जानकारी को जान ही गए हैं तो अपने आसपास के बच्चो को जरूर बताएं ताकि वे हमारी तरह गलती ना करे।

*सफेद रंग की रबर :-
आप में से अधिकतर लोगों ने नीली रबर से ज्यादा सफेद रंग की रबर का उपयोग तो जरूर किया होगा। क्या आप भी यही सोचते थे कि इन सफेद रंग की रबर से अगर पेन का लिखा मिटाना है तो महंगा वाला पेन लेना होगा।लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन सफेद रंग की रबर को पेंसिल  ( पेंसिल से लिखा हुआ) के उपयोग के लिए बनाया गया है।

*अफवाह भरी बाते:-
बचपन में हमें फ्री की रबर की चाह सभी को होती थी।  क्या आपने कभी पेंसिल  की छीलन और दूध से रबर बनने की कोशिश की है। आपमें से अधिकतर लोगों ने जरूर ऐसा किया होगा। किसी एक के द्वारा फैलाए अफवाह ने हमारी बचपन को काफ़ी यादगार बना दिया है।

रबड़ कैसे बनता है-

आजकल का दौर बहुत ही तकनीकी हो गया है।अनेक प्रकार के रासायनिक पदार्थों द्वारा रबड़ का निर्माण किया जाता है। परंतु प्राकृतिक रबर का निर्माण पेड़ द्वारा प्राप्त किया जाता है।

रबड़ का पेड़ 20 मीटर से 40 मीटर तक लंबा होता है। रबर का पेड़ हमारे भारत में बहुतायत मात्रा में पाया जाता है। इस पेड़ को काटने से एक दूधिया द्रव पदार्थ निकलता है। जिसे लेटेक्स या रबर कहते हैं। इस खबर को पेड़ से निकालने के लिए पेड़ पर पाइप नुमा कट लगाकर उस रबड़ को एक पात्र में निकाला जाता है जिसे cogulation कहतेहैं।
इस रबर को एक ट्रे में निकाल लिया जाता है। ट्रेन से अतिरिक्त पानी या झाग को अलग कर उसमें उपस्थित पाने को हाथों की सहायता से दबा कर निकाल लिया जाता है। जिससे व ठोस रूप में परिवर्तित होता जाता है।
कुछ समय के पश्चात यह एक ठोस शीट के रूप में परिवर्तित करने के लिए मशीन के बीच रखकर दबाया जाता है। यह मशीन लगभग गन्ने की मशीन के समान होती है। दो से तीन बार मशीन में डालने पर लेटैक्स की सीट से अतिरिक्त पानी निकल जाता है। और प्राप्त पदार्थ या शीट एक प्राकृतिक रबर होता है।
इस रबर में तान्यता या अधिक इलास्टिसिटी के लिए इसमें में अनेक प्रकार के रासायनिक केमिकल डाले जाते हैं। और अलग-अलग प्रकार की रबर का निर्माण किया जाता है जैसे हेयर बेल्ट से लेकर पढ़ाई में उपयोग की जाने वाली रबर या गाड़ियों के टायर तक।
 

Note- अगर आपको इसी प्रकार के रोचक तथ्यों को पढ़ना अच्छा लगता है तो आप APNE VICHAR NICHE COMENT BOX ME COMENT  जरूर करें।
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