तो आइए ताजमहल के कुछ ऐसे रोचक तथ्य के बारे में जानते है जो आपको हैरान कर देगी:--
1:- आप यह जानते ही होंगे कि ताजमहल को शाहजहां ने बनवाया था परन्तु इस बात का कोई भी सबूत वहां नहीं है।
2:- ताजमहल का निर्माण 1632 में शुरू होकर1654 तक चला।इस तरह ताजमहल बनने में 22 साल का समय लगा था।तथा ताजमहल बनाने वाले मजदूर भारत के अलावा फारसी व तुर्की के भी थे।
3:- ताजमहल को जाने वाले मुख्य मार्गो के बीच जो फ़व्वारे लगे हैं वह किसी पाईप से नहीं जुड़े हैं बल्कि हर फ़व्वरे के नीचे तांबे का एक टंकी है जो सभी एकसाथ एक समय में भरते हैं और दबाव बनने पर एकसाथ पानी छोड़ते हैं।
4:- क्या आपको पता है कि शाहजहां ताजमहल जैसी एक काली ईमारत बनवाना चाहते थे जिससे वे ताजमहल की खूबसूरती को देख सके। परन्तु जब उनके बेटे ओरंगजेब ने उन्हें कैद कर लिया तो उनका सपना एक सपना ही रह गया।
5:- ताजमहल को 28 तरह के कीमती पत्थरो से सजाया गया था जो कई देशों से लाए गए थे। इन वेश कीमती पत्थरो को अंग्रेजो ने निकाल लिया था।
6:-जब ताजमहल बनाया गया था तब इसपर लगभग 3 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।यदि आज ताजमहल बनाया जाता हैं तो इसे बनाने में कम से कम 70,000 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे।
7:- क्या आपको पता है कि ताजमहल का एक कॉपी कैट भी है जो ओरंगाबाद में स्थिति है।जिसे बीवी का मकबरा कहा जाता हैं।ऐसे मिनी ताज भी कहा जाता हैं।
8:- ताजमहल यमुना नदी के किनारे बना हुआ हैं।ताजमहल का आधार एक ऐसी लकड़ी पर बना हुआ है जिसे मजबूत बनाए रखने के लिए नमी की आवश्यकता होती हैं।इसमें नमी,पास में बहने वाली यमुना नदी ही बनाए रखती हैं।
यदि वहां बहने वाली यमुना नदी सुख जाए तो ताजमहल की नीव कमजोर हो जाएगी तथा ताजमहल के टूटकर गिरने की संभावना बढ़ जाएगी।
ताजमहल का रंग बदलता है
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ताजमहल का रंग बदलता है।सुबह देखने पर हल्का गुलाबी,रात को दूधिया सफेद तथा चांदनी रात में सुनहरा दिखाई देता है।
"ताजमहल को लेकर कुछ हिन्दू दावे"
1:- हिन्दू पक्ष के अनुसार ताजमहल वास्तव में एक शिव मंदिर है।जिसका असली नाम तेजोमहालय हैं।
2:- ताजमहल शब्द के अंत में आए महल मुस्लिम शब्द है ही नहीं क्योंकि अफगानिस्तान से लेकर अल्जीरिया तक किसी भी मुस्लिम देश में एक भी ऐसी ईमारत नहीं है जिसे महल के नाम से पुकारा जाता हो।
3:- भवन का नाम भी ताज के जगह ताज़ होना चाहिए था अर्थात् अंग्रेजी में लिखे तो Taj के जगह Taz होना चाहिए था।जैसा कि उर्दू में ज के लिए j नहीं z का उपयोग किया जाता हैं।
नोट- अगर आपको ये ब्लॉग अच्छा लगा हो तो आगे जरूर शेयर करें।और आपको ऐसी ही पोस्ट को पढ़ना अच्छा लगता है तो आपhme coment krke jrur btaye.
thankyou
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें